• टाइटैनिक: समुद्रों की गहराईयों में बसी एक कहानी
टाइटैनिक, एक बड़ी और शानदार यात्री जहाज था जो उसकी पहली यात्रा पर ही 1912 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस जहाज का निर्माण हारलैंड एंड वोल्फ शिपबिल्डिंग कंपनी द्वारा ब्रिटेन में किया गया था। इसका नाम 'टाइटैनिक' था, जो ग्रीक शब्द 'ताइतन' से आया था और इसका अर्थ था 'महाकाय'।
टाइटैनिक का निर्माण 1909 में शुरू हुआ था और इसे 1911 में पूरा किया गया। इस जहाज की लम्बाई लगभग 882 फीट थी और इसमें 3,547 यात्री और कर्मचारी यात्रा कर सकते थे। इसमें 9 दरवाजे, 4 तवाजे, एक जर्मन शैली का रेस्टोरा, एक गोल्फ कोर्स, और सुविधाएं थीं जो उस समय के लिए अद्वितीय थीं।
1912 में टाइटैनिक न्यूयॉर्क से लिवरपूल जाने के लिए मेदगास्कर, पारिस, और हालिफैक्स से गुजरकर चला। यह 10 अप्रैल 1912 को मेदगास्कर से रवाना हुआ और 14 अप्रैल को पारिस से होकर चला।
हालांकि, 15 अप्रैल 1912 को रात्रि को यह नाव एटलांटिक महासागर के एक बड़े बर्फानी क्षेत्र में चल रही थी और इसका नाविक न तो अच्छी तरह से सतर्क था और न ही उसे बर्फबारी की सूचना थी। इस बीच रात्रि को टाइटैनिक एक बड़े बर्फानी तूफान का शिकार हो गया और इसका एक हिस्सा जहाज के आगे आए बड़े बर्फ की पहाड़ी से टकराया।
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इस समय जहाज में करीब 2,200 लोग थे और उनमें से लगभग 1,500 लोगों की मौके पर मौत हो गई। टाइटैनिक का इतिहास एक अद्वितीय यात्रा की तक़़दीर को दर्शाता है, जिसने मानवता को एक बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
• टाइटैनिक के बारे मैं और जानकारी आप यहा से प्राप्त कर सकते है । Mystery of Titanic check video explained by Dhruv rathee
Mystery of Titanic
इस घटना ने समुद्र पर सुरक्षा के मामले में कई सुधार किए जाने की मांग को बढ़ा दिया और उसने सारे दुनिया में सुरक्षित जहाजों के लिए नए निर्माण और सुरक्षा मापदंडों की आवश्यकता को उजागर किया।